ई-लर्निंग वातावरण में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली शैक्षिक रणनीतियाँ: एक अवधारणात्मक अध्ययन
Author(s): अभिषेक त्रिपाठी एवं डा0 अच्युत कुमार यादव
DOI: https://doi.org/10.64880/theresearchdialogue.v4i3.16
सारांश
अध्ययन का मुख्य उद्देश्य डिजिटल शिक्षण के संदर्भ में लिंग आधारित भेदभाव एवं बाधाओं को समझना तथा वैज्ञानिक एवं प्रावृत्तिगत उपायों का प्रतिपादन करना है। इसमें बताया गया है कि समावेशी शिक्षण सामग्री, आधुनिक तकनीकों का उपयोग एवं शिक्षण डिज़ाइन सिद्धांतों की सही क्रियान्वयन से लैंगिक जागरूकता बढ़ायी जा सकती है। साथ ही, यह भी संकेतित किया गया है कि विविधता को ध्यान में रखते हुए, पाठ्यक्रम एवं इंटरैक्टिव टूल्स का सतत संवर्धन आवश्यक है। अध्ययन में विभिन्न साहित्यिक स्रोतों एवं तटस्थ आंकड़ों का विश्लेषण करके यह सिद्ध किया गया है कि पारंपरिक वर्चुअल क्लासरूम में लिंग आधारित भिन्नताएँ कम करने के लिए शिक्षकों एवं डेवलपर्स के बीच सहयोग बढ़ाना आवश्यक है। इससे शिक्षण की समावेशी शैली को प्रोत्साहन मिल सकता है, जो न केवल शैक्षिक उपलब्धि को बढ़ावा देता है, बल्कि पुरातन रूढ़ियों को भी तोड़ता है। इसके अतिरिक्त, बौद्धिक एवं तकनीकी उपायों का सम्यक् प्रयोग, जैसे कि इंटरैक्टिव उपकरण और व्यक्तिगत सीखने के रास्ते, लिंग आधारित असमानताओं को दूर करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। अंततः, इस सारांश में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि समावेशी एवं समानता पर केंद्रित नीतियों एवं रणनीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन ही लैंगिक समता के लक्ष्य को प्राप्त करने का वास्तविक मार्ग है, जिसके लिए सतत शोध एवं प्रतिबद्धता आवश्यक है।
मुख्य शव्द: ई-लर्निंग, लैंगिक जागरूकता, वर्चुअल क्लासरूम, डिजिटल शिक्षण ।
Cite this Article:
अभिषेक त्रिपाठी एवं डा0 अच्युत कुमार यादव, “ई-लर्निंग वातावरण में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली शैक्षिक रणनीतियाँ: एक अवधारणात्मक अध्ययन” The Research Dialogue, Open Access Peer-reviewed & Refereed Journal, pp.130–137. https://doi.org/10.64880/theresearchdialogue.v4i3.16
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