बोध स्तर पर अध्ययनरत छात्र/छात्राओं में पर्यावरण शिक्षा, उद्देश्य,जागरूकता एवं प्रदूषण का एक माध्यम
Author(s): कमल कान्त गौतम एवं डॉ० किरण सिंह
DOI: https://doi.org/10.64880/theresearchdialogue.v4i3.17
सारांश:
व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है । समाज सामाजिक संबंधों एवं आवश्यक आवश्यकताओं की क्रियाओं के कारण एक दूसरे से स्पष्टसंबंध होता है। व्यक्ति समाज के प्रति भी कुछ उत्तरदायित्व होता है उनमें से एक प्रमुख उत्तरदायित्व ज्ञान एवं अध्ययन का केंद्र विद्यालय की स्थापना करना है। यह काम अब समाज एवं राज्य के परस्पर सहयोग से हो रहा है। प्राचीन काल में ऐसा नहीं था। विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं किशोरावस्था में होते है, जीवन की यह वह व्यवस्था है, जिसमें तीव्र बदलाव आता है। यदि सही समाज हो तो जब छात्र-छात्राएं पर्यावरण एवं उससे जुड़ी विभिन्न समस्याओं एवं उसके समाधान पर जागरूक किया जाय। माध्यमिक स्तर पर शिक्षक अपने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए विषय वस्तु में पठन-पाठन के नाम पर्यावरण के प्रति संचालन भावनात्मक एवं क्रियात्मक पक्ष का विकास अपने छात्र-छात्राओं में करें 21वींसदी के सहायक पर्यावरण की समस्या चिंताजनक हो गई। खानपान एवं सामग्री विभिन्न तकनीकों का बढ़ता प्रयोग के साथ सभी क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमता का बढ़ता प्रचलन भावी पीढ़ी एवं मानवीयता पर क्या प्रभाव डालेगी। यह सब भावी अवलोकन का विषय है। प्रस्तुत आलेख में बोध स्तर के शिक्षक प्रशिक्षण एवंअधिगम में पर्यावरणीय तत्वों एवं शिक्षा का अध्ययन जागरूकता एवं प्रदूषण की दृष्टिकोण से किया गया है।
मुख्य शव्द: की वर्ड – बोध, बोध स्तर, शिक्षा, प्रदूषण, विद्यार्थी इत्यादि ।
Cite this Article:
कमल कान्त गौतम एवं डॉ० किरण सिंह, “बोध स्तर पर अध्ययनरत छात्र/छात्राओं में पर्यावरण शिक्षा, उद्देश्य,जागरूकता एवं प्रदूषण का एक माध्यम” The Research Dialogue, Open Access Peer-reviewed & Refereed Journal, pp.138–141. https://doi.org/10.64880/theresearchdialogue.v4i3.17
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